सीएम पीएम को छींक भी आए तो सुरक्षा में चूक से दोषी बर्खास्त
जनता मरती रहे तो भी कोई चूक नहीं ये रुटीन वर्क_कोई खबर नहीं बनती_जनता की सुरक्षा का सवाल कोई नहीं उठाता_कोई जिम्मेदार नहीं_मंत्री नेता अफसर सब हैं जनता के लिए सुपारी किलर्स
लोकतंत्र के सबसे ताकतवर सुपारी किलर्स का खुलासा।
कौन हैं ये सुपारी किलर जो जनता की सुपारी लेते हैं।
आम जनता की मूलभूत अधिकारों का गला घोंटते सुपारी किलर्स का पर्दाफाश
प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री मंत्री और नौकरशाहों की सुरक्षा में चूक बनती है खबर।
सड़कों पर हर रोज मरती आम जनता की सुरक्षा कोई बड़ा मुद्दा नहीं।
देश का चौथा स्तम्भ अखबार मीडिया भी देश की जनता के प्रति उदासीन।
ग्वालियर की विश्वप्रसिद्ध सड़कों पर मरती जनता की सुपारी किसने ली।
पॉलिटिकल पॉवर सेंटर ग्वालियर की बदहाली के जिम्मेदार नेताओं का पर्दाफाश।
नेताओं और अफसरों के लिए काम करने वाले सिस्टम की पोल खोल रिपोर्ट।
ग्वालियर को लगा महापौर विधायक सांसद से लेकर केंद्रीय मंत्री का ग्रहण।
हिन्दी फिल्मों में अक्सर सुपारी किलर का नाम सामने आता है। ये सुपारी किलर लोगों की हत्या करने के लिए एक तयशुदा रकम लेते हैं इसके बदले में वह अपने कस्टमर का मन चाहा काम भी करते हैं। आज हम आपको देश के सिस्टम के उन सुपारी किलर्स के बारे में बताएँगे जो आपकी सुपारी आपसे ही लेते हैं।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं लोकतंत्र के उन स्तंभों की जिन्हें विधायिका और कार्यपालिका कहते हैं। भ्रष्ट नौकरशाहों और निरंकुश नेताओं के भेष में ये सुपारी किलर आम जनता के टैक्स के पैसों से जनता के लिए हर दिन नई मुसीबतें खड़ी करते हैं। हजारों करोड़ों की विकास योजनाओं के बहाने जनता का शोषण यह सुपारी किलर करते हैं। हाल ही में ग्वालियर की सड़कों ने पूरे विश्व भर में नाम कमाया। इन सड़कों पर हर रोज वह आम जनता चलती है जो अपनी खून पसीने की गाढ़ी कमाई से दिए गए टैक्स के जरिए इन सुपारी किलर्स का पेट भरती है उनके परिवार को पालती है। और यह सुपारी किलर भी जनता द्वारा जनता के लिए दी गई सुपारी का कॉन्ट्रैक्ट को बखूबी पूरा करते हैं।
जब प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री का दौरा होता है तो गलती से कोई आम आदमी उनके रास्ते में आ जाए तो नेताजी की सुरक्षा में चूक करार दिया जाता है। कहीं किसी गड्ढे में किसी मंत्री की गाड़ी फँस जाए तो उसे भी उसे मंत्री की सुरक्षा में चूक माना जाता है। अपने क्षेत्र का निरीक्षण करते समय किसी अफसर की गाड़ी आम जनता की गाड़ी से ठोकर लग जाए तो वह भी उससे भी उस नौकरशाह की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो जाते हैं।
लेकिन इन अफसर को अफसर बनने वाली नेताओं को सत्तासीन करने वाली आम जनता की सुरक्षा में चूक हर रोज हर सड़क पर हर कॉलोनी में हर गली मोहल्ले में होती है लेकिन आम जनता की सुरक्षा में चूक की न तो कोई खबर बनती है और ना ही यह सुपारी किलर उसकी तरफ ध्यान देते हैं क्योंकि आम जनता की याद केवल नेताओं को केवल चुनाव में ही आती है। अफसर की बात करें तो अफसर को तो आम जनता की कतई परवाह नहीं क्योंकि उनकी नौकरी आम जनता के भरोसे नहीं चलती। नौकरशाहों को पता है कि हम लाट साहब हैं और आम जनता हमारी नौकर हम जो कहेंगे जो करेंगे वह मान्य होगा।
देखिए कौन हैं ये सुपारी किलर हमारी खास रिपोर्ट