OBC महासभा और रक्षक मोर्चे में खिचीं तलवारें_एक बोला राष्ट्रद्रोही तो दूसरे नाम मिटाने का लिया संकल्प

अम्बेडकर के विरोधी राष्ट्रद्रोही_OBC महासभा

अम्बेडकर का झूठे नाम के वजूद को मिटा देंगे_रक्षक मोर्चा

एंकर-: डॉ भीमराव अंबेडकर को ना मानने वाले और उनका अपमान करने वाले राष्ट्रद्रोही हैं देशद्रोही हैं इन पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए यह कहना है ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्वजीत रतौनिया का। प्रेस वार्ता के दौरान ग्वालियर में दिए गए इस बयान से बवाल खड़ा हो गया है और इसके बाद डॉ बी एन राव समर्थक रक्षक मोर्चे ने पलटवार करते हुए अंबेडकर के ही देशभक्त होने पर सवाल खड़े कर दिए हैं। और अंबेडकर के नाम को मिटा देने का संकल्प लिया है।

 

वीओ-: दरअसल ग्वालियर हाई कोर्ट में पिछले कई माह से जारी डॉक्टर अंबेडकर मूर्ति विवाद में ओबीसी महासभा ने अपनी नई रणनीति के तहत सोमवार से आंदोलन चलाने का ऐलान किया है। जिस संबंध में बुलाई गई प्रेस वार्ता के दौरान एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया एडवोकेट धर्मेंद्र कुशवाहा बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सरनाम सिंह कुशवाहा और गांधीवादी विष्णुकांत शर्मा द्वारा अंबेडकर की प्रतिमा का विरोध करने वाले पक्ष को मनुवादी और राष्ट्रद्रोही करार दिया गया। इसके बाद पलट वार करते हुए डॉक्टर बी एन राव समर्थित रक्षक मोर्चे ने अंबेडकर की देशभक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए और कहा की अंबेडकर का आजादी की लड़ाई में क्या योगदान है वे बताएं। वहीं दूसरी ओर उन्होंने डॉक्टर अंबेडकर समर्थक अधिवक्ताओं को पढ़ने लिखने की सीख देते हुए कहा की देशद्रोही और राष्ट्रद्रोही की परिभाषा का अध्ययन करें उसके बाद ही कोई बयान दें। एक वकील का इस तरह का बयान शर्मनाक है देशद्रोही राष्ट्रद्रोही किसे कहते हैं यह वह जान लें। और अंबेडकर है क्या मेरी मान्यता नहीं है की अंबेडकर कुछ नहीं है मैं अंबेडकर को नहीं मानता तो नहीं मानता, किस कानून में यह लिखा है कि किसी को ना मानना देशद्रोह या राष्ट्रद्रोह है। अंबेडकर का झूठा वजूद जो इन्होंने कायम किया है संकल्प करके कह रहे हैं कि वह वजूद हम खत्म कर देंगे मिटा देंगे। अंबेडकर कवि संविधान निर्माता था ही नहीं और ना होगा भविष्य में। डॉ बी एन राव का नाम संविधान निर्माता के तौर पर अब लिया जाएगा यह हमारा वादा है।

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