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सरकारी तंत्र ही लूट रहा किसानों को_लुटे पिटे किसानों ने मंडी में लगाया ताला

 

मंडी बोर्ड और आढ़तियों ने कैसे हड़पी अन्नदाता की फसल देखिए खास रिपोर्ट 

लुटे पिटे किसानों ने मंडी पर जड़ा ताला। हंगामे के बाद सचिव भी ऑफिस के कोने में छुपे

एंकर -: ग्वालियर में मंडी बोर्ड और व्यापारियों की मिलीभगत से देश के अन्नदाता के साथ करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया गया है। गौरतलब है कि कि ग्वालियर मंडी के आढ़तियों को अपनी फसल बेचने के बाद ग्वालियर के कई गांवों के किसान पिछले दस महीने से चक्कर लगा रहे हैं और मंडी प्रबंधन भ्रष्टाचार की काली कमाई खाकर गहरी नींद में सोया है।
ताज़ा मामला ग्वालियर की कृषि उपज मंडी का है जहाँ व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की लूट का शिकार हुए किसान सड़कों पर हैं। ग्वालियर की लक्ष्मीगंज मंडी के बाहर चिलचिलाती धूप में धरना प्रदर्शन कर रहे ये किसान ग्वालियर के आसपास के गांवों से आए हैं। आज पैसा देने के लिए आश्वासन दिया गया था लेकिन जब पैसा नहीं मिला तो किसानों ने मंडी का गेट ही बंद कर दिया। दरअसल इन किसानों के साथ यहाँ के कुछ आढ़तियों ने‌ मंडी कर्मचारियों के साथ मिलकर 12 से 15 करोड़ की ठगी को अंजाम दिया है। मंडी सचिव और व्यापारी पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। लेकिन ठगी करने वाले व्यापारी कल्याण सिंह यादव समेत कई आरोपी अब तक फरार है। वहीं ठगे गए लगभग 900 से ज्यादा किसान कर्ज में डूबे हैं किसीको दूसरी फसल‌ करनी है किसीको अपनी बेटी की शादी करना है तो कोई साहूकार और बैंक का कर्ज चुकाना है। लेकिन न तो प्रशासन और न ही सरकार ने अब तक कोई आश्वासन दिया है। अब किसानों के पास मंडी के चक्कर लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। मौके पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस जरूर दिखाई दी लेकिन उनकी सुनवाई करने के लिए कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं था। वहीं मंडी बोर्ड के संयुक्त संचालक भी किसानों की गुहार न सुनते हुए अपने एयरकंडीशन कार्यालय में आराम फरमाते रहे। बड़ा सवाल यह है कि किसान हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार के नुमाइंदे भी किसानों की तरफ से उदासीन नजर आते हैं यही वजह है कि अब ठगे गए किसानों ने कृषि उपज मंडी के बाहर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

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