नियम बनाने वाले ही तोड़ रहे नियम_भगवत सहाय कॉलेज में दो प्राचार्यों की नियुक्ति से बवाल_कोर्ट का आदेश भी दरकिनार
एंकर-: पुराने जमाने की फिल्म एक फूल दो माली की कहानी ग्वालियर के भगवत सहाय महाविद्यालय में चरितार्थ होती नजर आ रही है। क्योंकि यहाँ एक ही समय में दो प्राचार्यों की नियुक्ति कर दी गई है अब यहाँ के कर्मचारियों और प्राध्यापकों के आगे परेशानी ये है कि किसे अपना प्राचार्य मानें किसके आदेश का पालन करें। इसे हम शासन की जल्दबाजी कहें या शिक्षा के मंदिरों में बढ़ती राजनीतिक दखलंदाजी। इन दोनों ही कारणों से इस कॉलेज में आज दो प्राचार्य मौजूद हैं। भगवत सहाय महाविद्यालय में शासन ने अपनी ही ट्रांसफर पॉलिसी को दरकिनार करते हुए महाविद्यालय में एक माह के भीतर दो प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति कर दी। 16 अक्टूबर 2025 को बृजबाला राय को प्रभारी प्राचार्य के रूप में नियुक्त किया जबकि बिना किसी कारण के उन्हें हटाकर केआरजी की एक प्राध्यापक आरती गुप्ता को महाविद्यालय का प्रभारी प्राचार्य नियुक्त कर दिया। इसके बाद ब्रज वाला राय कोर्ट जाकर स्टे ले आईं जिसमें कोर्ट ने साफ तौर पर ब्रज वाला राय को यथावत रखने के आदेश दिए हैं। जब बृजबाला राय प्रभारी प्राचार्य आरती गुप्ता के पास अपना पदभार ग्रहण करने पहुंची तो आरती गुप्ता ने शासन का हमारा देते हुए कहा की जो शासन का आदेश होगा मैं उसका पालन करूंगी। बहरहाल भगवत सहाय महाविद्यालय में दो प्राचार्य हैं और दोनों ही प्रभारी हैं प्राचार्य के बीच इस विवाद से महाविद्यालय की छवि तो धूमिल हो ही रही है इसके साथ ही विभागीय कार्यों पर भी विपरीत असर पड़ता नजर आ रहा है जैसा की यहां पढ़ने वाले प्राध्यापकों का मानना है।
बता दें कि अपनी प्रशासनिक नियुक्तियों को लेकर भगवत सहाय महाविद्यालय पहले भी विवादों में रहा है। वहीं दूसरी और भगवत सहाय महाविद्यालय के प्राध्यापक असमंजस में है कि वह किस प्राचार्य मानें और किसे नहीं लेकिन इस विवाद के बीच दो प्रभारी प्राचार्यों के बीच फँसे कॉलेज के आराध्यापक उलझन में है कि किसका आदेश सही है और किसे प्राचार्य माना जाए
