ये मासूम देश का भविष्य हैं ये सपने नहीं देखते, इनके पास न रहने को घर है न खाने को रोटी लेकिन फिर भी जी रहे हैं क्योंकि ये अनचाहे ही सही किंतु पैदा हो चुके हैं एक ऐसे देश में जहाँ जिम्मेदार सरकारें ही मौलिक अधिकारों की बलि देती हैं, और सामाजिक संगठन इन्हें भीख मांगने की आदत डाल देते हैं, यहाँ खाने के लिए लाइन में लगे मासूमों को आप तस्वीरों में देख सकते हैं जिनका बचपन संवेदनहीन सिस्टम और चंद सामाजिक संगठनों के प्रचार की भूख का हिस्सा बन चुका है, ये इन मासूमों के नन्हें हाथों में एक दो रोज का राशन थमाकर फोटो खिंचवाने के बाद दयालुता दिखाते हैं कि बड़ा दयावान कोई नहीं।
इस मासूम का नाम राम जाने है और ये भीख मांगता है कभी सड़क पर तो कभी चौराहे के सिग्नल पर और इसे कुछ लोग भीख देते हैं कुछ दुत्कार देते हैं लेकिन मजबूरी है मौलिक अधिकारों की दुहाई देने वाली सरकारें और सामाजिक संगठन इन्हें भीख भी नहीं देते… देखिए एक रिपोर्ट
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