ग्वालियर में गन कल्चर पर कोर्ट का प्रतिबंध
हर्ष फायरिंग के जिम्मेदार लोगों के जब्त हथियार की वापसी पर रोक
एंकर- मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में हर्ष फायरिंग के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं यही वजह है कि इस जानलेवा आदत पर सख्ती से रोक लगाने के लिए ग्वालियर कोर्ट ने एक बड़ा संदेश दिया है।कोर्ट ने हर्ष फायरिंग में उपयोग किए गए लाइसेंसी शस्त्रों को छोड़ने की मांग वाली आवेदन को खारिज किया है। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि मानव जीवन को इस कदम ने संकट में डाला है,ऐसे में आवेदन में दिए तर्को को स्वीकार नही किया जा सकता।
वीओ- दरअसल यह मामला 22 मई 2025 का है जब बदनापुरा में आयोजित एक शादी समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो के जरिए हर्ष फायरिंग करने वालों की पुलिस ने पहचान की, लाइसेंसी हथियार से हर्ष फायरिंग करने के मामले में पुरानी छावनी थाना पुलिस ने रूप सिंह, कल्लू और हेमंत के खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर उनके लाइसेंसी हथियार जप्त किए थे।जिसके बाद आरोपियों ने ग्वालियर कोर्ट में एक आवेदन पेश किया,जिसके जरिए कोर्ट में तर्क दिया गया कि कोर्ट ने हथियार जप्ती से पहले कोई जांच नहीं की थी और वीडियो भी फर्जी है। ऐसे में उनके लाइसेंसी शस्त्र उन्हें वापस किए जाएं, उन्होंने इसे आत्मरक्षा के लिए रखा था। वहीं पुलिस की ओर से अपर लोक अभियोजक धर्मेंद्र शर्मा ने आरोपियों के द्वारा लगाए गए आवेदन पर विरोध जाहिर किया और कोर्ट को बताया कि आरोपियों ने शादी समारोह में हर्ष फायर करके आम लोगों के जीवन को संकट में डाला था और लाइसेंस के जो नियम होते हैं उनका भी खुला माख़ौल उड़ाया था,वर्तमान में न्यायालय के अंदर मामले की सुनवाई भी चल रही है ऐसे में शस्त्रों को ऐसी स्थिति में वापस नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद कहा कि हर्ष फायर के मामले में जब्त शस्त्र वापस नहीं किए जाएंगे क्योंकि इनके द्वारा मानव जीवन को संकट में डाला गया है। इस तरह आरोपियों के द्वारा लगाए गए आवेदन को कोर्ट ने खारिज कर दिया।
बाइट- धर्मेंद्र शर्मा-अपर लोक अभियोजक, जिला कोर्ट ग्वालियर
