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GDA के भ्रष्ट अधिकारियों को क्लीन चिट_शिकायतकर्ता को मैनेज कर ईओडब्ल्यू और कोर्ट को दिया झांसा

GDA के अधिकारियों को शिकायत कर्ता का अभयदान

ईओडब्ल्यू ने भी कोर्ट में दे दी खात्मा रिपोर्ट_करोड़ों का घोटाला अदृश्य हुआ

एंकर-ग्वालियर विशेष न्यायालय ने ई ओ डब्ल्यू की उस खात्मा रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है जिसमें ग्वालियर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को जडेरुआ कला में जमीन आवंटन में हुए घोटाले में क्लीन चिट दी थी। यह घोटाला 25 करोड रुपए का था.यह मामला शुरू से ही आधे अधूरे तथ्यों पर आधारित था. शिकायतकर्ता न तो जांच के दौरान सामने आया न ही उसकी शिकायत में कोई ठोस सर्वे नंबर वास्तविक बाजार मूल्य या कथित हानि होने का प्रमाण था. इस मामले में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर 6 साल तक जांच पड़ताल की थी। ई ओ डब्ल्यू आरोपो को साबित नहीं कर पाई और 2018 में खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी। यह मामला 2010 से शुरू हुआ था जिसमें दावा किया गया था कि प्राधिकरण ने जमीन को एक निजी कंपनी को कम दर पर आवंटित कर दिया जिससे प्राधिकरण को 25 करोड़ का नुकसान हुआ लेकिन शिकायतकर्ता इस मामले में कभी सामने नहीं आया था. इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उसमें जीडीए के तत्कालीन सीईओ एलएन अग्रवाल संपदा अधिकारी एवं वर्तमान में एसडीएम सबलगढ़ रूपेश उपाध्याय अधीक्षण यंत्री यूएस मिश्रा कार्यालय अधीक्षक बृजभूषण मिश्रा तत्कालीन संयुक्त टाउन एंड कंट्री प्लानिंग संचालक वी के शर्मा मनोज श्रीवास्तव और कुशल पांडे शामिल है।

बाइट-धर्मेंद्र शर्मा,एडवोकेट,जिला न्यायालय,ग्वालियर

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