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ई अटेंडेंस की मार से बेहाल शिक्षकों ने डीईओ के खिलाफ खोला मोर्चा

वेतन नहीं मिलने से सड़कों पर आए शिक्षक_

दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

एंकर -: ग्वालियर में शासन द्वारा ई अटेंडेंस के आदेश के बाद 10000 शिक्षा कर्मियों का वेतन रोक दिया गया है। और यही वजह है की नवंबर माह का वेतन नहीं मिलने के चलते शिक्षक शासन के खिलाफ लामबंद होकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षकों का आरोप है कि ई अटेंडेंस नहीं लगाने के कारण पूरे मध्य प्रदेश में किसी का भी वेतन शासन द्वारा नहीं रोका गया है। लेकिन यहां उससे भी बड़ा सवाल यह है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अर्थात भृत्य के ई अटेंडेंस के कोई आदेश नहीं थे किंतु जिला शिक्षा अधिकारी हरिओम चतुर्वेदी ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाते हुए चपरासियों को भी ई अटेंडेंस अनिवार्य कर दी। जबकि बहुत से भृत्यों के पास स्मार्टफोन नहीं है तो ई अटेंडेंस कैसे और कहाँ से लगाएंगे। लेकिन ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी हरिओम चतुर्वेदी द्वारा ग्वालियर जिले के 8000 शिक्षक और 2000 से ज्यादा भृत्य और अन्य शिक्षा कर्मियों का वेतन रोक दिया गया है। वेतन नहीं मिलने से हमें घर खर्चे में परेशानी आ रही है वहीं बहुत से शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने लोन ले रखा है उनकी किश्त ड्यू हो गई हैं। वेतन न मिलने से गुस्साए सैंकड़ों शिक्षक ग्वालियर कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे और जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। शिक्षा कौन है चेतावनी दी है यदि उनका वेतन नहीं दिया गया तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। गौरतलब है कि जिले के अधिकांश शिक्षक एसआईआर के कार्य में लगे हैं और कई शिक्षक स्कूलों में अध्यापन कार्य में जुटे हैं लेकिन बावजूद इसके वेतन रोका जाना शासन प्रशासन के तानाशाही पूर्ण रवैया को दर्शाता है।

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