मध्यप्रदेश के मंत्री ने लगाई कान पकड़कर उठक बैठक देखिए क्या है मामला
शाजापुर जिले के शुजालपुर मे सीएम राइज स्कूल में एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को बिना गलती के किन पकड़कर उठक बैठक लगानी पड़ी।
हालांकि ऐसा केवल उन्होंने इसलिए किया कि इस स्कूल में वे छात्र भी रहे और शिक्षक के तौर पर उन्होंने अपनी सेवाएँ दीं। उनके साथ अलग अलग शहर से पूर्व छात्र सम्मेलन में आए कई उद्योगपति, शिक्षक, सेवानिवृत कर्मचारी कान पकड़कर उठक बैठक लगाते, क्लास रूम में टेबल बजाकर गाने गाते नजर आए।
दरअसल शुजालपुर के पहले हाई स्कूल की स्थापना वर्ष 1931 में श्री राम मंदिर के पीछे हुई थी, जिसे लाल स्कूल के नाम से जाना जाता है। साल 1957 में वर्तमान सीएम राइज स्कूल में हाईस्कूल की कक्षाएं लगने लगी। यहां आज मंगलवार को पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। आयोजन से पहले स्कूल परिसर में कोई 67 साल बाद आया था, तो कई लोग 85 की उम्र में लकड़ी के सहारे इस यादगार आयोजन में साथियों से मिलने पहुंचे। क्लास रूम में शिक्षकों द्वारा दी जाने वाली सजा कान पकड़कर उठक बैठक लगाने को याद कर पूर्व छात्रों ने शिक्षकों के नाम लेकर अमर रहे के नारे लगाए। गीत गुनगुनाने के साथ सेल्फी लेने, ग्रुप फोटो निकलवाने उत्साह रहा। प्रोफेसर एमआर नालमें ने बताया साल 1951 में उनकी हाईस्कूल क्लास में 19 लड़के थे, तब सेकंड डिविजन पास होना भी बहुत बड़ी बात होती थी। उन्होंने बताया साल 1957 में स्कूल इस भवन में लगने लगा था। 1 जनवरी 1957 को एडमिशन लेने वाले श्री राम शर्मा बताते है उनकी तीन पीढ़ियां इसी शिक्षा स्थल से पढ़ी है। वे इस स्कूल के छात्र और शिक्षक दोनों रहे। मंत्री परमार ने कहा नई शिक्षा नीति से बड़ा परिवर्तन आने वाला है, अब भारत में शिक्षक बाय चांस नहीं, बल्कि बाय चॉइस बनेंगे। मंत्री परमार ने कहा भारत ने आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, शल्य चिकित्सा, गणित, संस्कृति, संस्कार हर क्षेत्र में विश्व को मार्गदर्शित किया है, इसलिए भारत को विश्व गुरु कहा जाता है
