दलित छात्रों के भविष्य से खिलवाड़_निजी कॉलेजों का फर्जीवाड़े से उदासीन प्रशासन

ग्वालियर में दलित छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे निजी कॉलेज

छात्रों ने लगाई प्रशासन से गुहार_फीस नहीं दी तो परीक्षा से किया बाहर

एंकर -: ग्वालियर में शासन और प्रशासन की अनदेखी से निजी कॉलेजों का फर्जीवाड़ा लगातार जारी है और अनुसूचित जाति जनजाति के असहाय छात्र प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं लेकिन निजी कॉलेज संचालक उनका भविष्य बर्बाद करने पर तुले हैं। ताजा मामला ग्वालियर के चंदनपुरा स्थित विजयलक्ष्मी कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग का है जहां के दर्जनों छात्र कॉलेज संचालक की वादाखिलाफी के शिकार होकर यहां वहां भटकने को मजबूर हैं। यहां पढ़ने वाले नर्सिंग छात्रों की मानें तो कॉलेज प्रबंधन ने एडमिशन देते समय छात्रवृत्ति के आधार पर दाखिला होगा और उनकी ट्यूशन फीस भी छात्रवृत्ति के जरिए ली जाएगी। लेकिन छात्रों के एडमिशन लेने के बाद कॉलेज संचालक राममिलन सिंह ने फरमान सुना दिया क्या आपको पूरी फीस पहले देनी होगी छात्रों का कहना है कि हम फर्स्ट ईयर की फीस दे चुके हैं लेकिन वे सेकंड ईयर की फीस भी मांग रहे हैं वहीं छात्रवृत्ति में देरी होने के चलते छात्रों को सेकंड ईयर की परीक्षा भी नहीं देने दी गई है। विजय लक्ष्मी कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की ही बिल्डिंग में कॉलेज संचालक द्वारा एक बच्चों का स्कूल भी संचालित किया जा रहा है जो की पूरी तरह से अवैध और शासन के नियमों का उल्लंघन है। कई शिकायतें होने के बाद भी रसोदर कॉलेज संचालक राम मिलन सिंह पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान से गुहार लगाने पहुंचे छात्रों को कलेक्टर तो नहीं मिली लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन देकर चलता कर दिया। अहम बात यह है कि छात्रों का भविष्य खराब कर रहे निजी नर्सिंग कॉलेज की मनमानी पर लगाम कैसे और कौन लगाएगा यह एक बड़ा सवाल है।

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